दो-चार-लाइना¶
- in कवितायेँ, दो-चार-लाइना
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- in कवितायेँ, दो-चार-लाइना, प्रेम-रस, दोस्ती
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तुम्हारी याद
तुम्हारी याद
तुम्हारी याद जब आती है,
दिल में एक टीस उठाती है,
मन की शहनाई बजाती है,
और कविता खुद-ब-खुद बन जाती है।
-अंकित.
- in कवितायेँ, दो-चार-लाइना, हास्य-रस
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- in कवितायेँ, दो-चार-लाइना, दोस्ती
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- in कवितायेँ, दो-चार-लाइना, भावनात्मक
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- in कवितायेँ, दो-चार-लाइना, प्रेम-रस
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- in कवितायेँ, दो-चार-लाइना
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- in कवितायेँ, दो-चार-लाइना
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- in कवितायेँ, दो-चार-लाइना, प्रेम-रस
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करवाचौथ का व्रत
करवाचौथ का व्रत
मेरी दीर्घायू के लिए क्यूँ तू ये कठिन संस्कार करती है ...
जब जानती है मेरी हर ख़ुशी को बस तू ही साकार करती है ...
मेरी दीर्घायू के लिए क्यूँ करवाचौथ का व्रत हर बार करती है ...
जब जानती है मेरी उम्र तो बस तेरे साथ की दरकार करती है ...
-अंकित.