हर कदम
हर कदम
जिसकी कल्पना से संसार का हर रंग है,
जिसकी गायकी का एकदम निराला हर ढंग है,
जिसकी मुरलिया से ब्रिज की हर बाल में छाती उमंग है,
वो इश्वर हर कदम संग है !!!
जिसका कर्म ही हर बुराई पर जंग है,
जिसका हर रूप सदा करता दंग है,
जिसका हो ध्यान तो कुछ भी होता नहीं भंग है,
वो इश्वर हर कदम संग है !!!
जिसका राह दिखाता हर जीवन प्रसंग है,
जिसकी महिमा गाती हर मृदंग है,
जिसके बल से बहती हर जल तरंग है,
वो इश्वर हर कदम संग है !!!
-अंकित।