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होली कि हार्दिक शुभकामनाएं !!!

होली !!!!

रात का पकड़ के हाथ सूरज ने नभ का किया तिलक लेके लाल रोली
हुआ सवेरा घर कि देहड़ी पर माँ रचा रही है रंगोली

ख़ुशी का है माहौल छायी है मुस्कान लगे अभी हर सूरत भोली
बढती घड़ी के साथ निकल गयी पहले बच्चों कि टोली

गुलाल भरे हाथों से पक्के रंग कि पुडिया किसी ने पानी में जब घोली
मुस्कान बन गयी हंसी और सुनके ठहाके सभी ने खिड़कियाँ हैं अब खोली

जीजा के संग साली, देवर के संग भाभी और कहीँ खेल रहे हैं दो हमजोली
कहीँ गानों का है शोर कहीँ गुंजिया का है ज़ोर कोई पिए भांग कोई खाए भांग कि गोली

किसने किसको किस रंग से रंग दिया पता चलता नहीं साबका दिल है बस बोल रह प्यार कि बोली
जीवन रंगों का खेल हर रंग चढ़े उतर जाये बस प्यार का रंग रह जाये हरेक झोली

यही सिखा रही है रंग हंसी और उमंग से भरा खूबसूरत त्यौहार - होली

-अंकित

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