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कवितायेँ

वो है मां

वो है मां

देवकी बन जाने से कोई यशोदा नहीं होती
जन्म देने भर से कोई मां नहीं होती

नखरे बालक के जो उठाए
अपनी नींद भुला उसको सुलाए
वो है मां

जिसको बच्चे की पुकार कोसों सुनाई दे जाए
जिसकी आवाज हर बार लोरी का काम कर जाए
वो है मां

जिसके दिल में प्यार का सागर असीमित हो
जिसका स्पर्श करता रोम-रोम प्रभावित हो
वो है मां

जिसके लिए ना आकार ना प्रकार रखते कोई माने हो
जिसकी नजर सचेत संरक्षण करे खतरे सभी मिटाने को
वो है मां

जिसमें हो साहस अपने अस्तित्व को भुलाने का
जिसका लक्ष्य हो सही राह दिखलाने का
वो है मां

गर है जीवन में तुम्हारे ऐसी कोई शक्ति
हो के नतमस्तक कर लो उसकी भक्ति
कि वो है मां।

-अंकित.

English explanation

The poem begins with the line: "देवकी बन जाने से कोई यशोदा नहीं होती" (To be Devaki does not make one Yashoda).

इंतजार

इंतजार

ये दिन कमबख्त जल्दी जल्दी कहां गुजरे
घड़ी- घड़ी घड़ी पर बेताब नजर जा ठहरे

तेरे लिए आंखे बिछाए बैठे हैं हम सब
ये दूरी का हमसे इम्तिहान बस हुआ अब

हवा भी यूं रही है भारी मायूसी भर के जाती थी
हूं पत्थर फिर भी सीने में टीस उठ ही जाती थी

तेरे दीदार को दीवाना तेरा अब यूं तड़पे
जैसे प्यासे रेगिस्तान में सूरज आग बरपे

आओगी तुम तो खुशी वापस आ ही जाएगी
मिलेगा सुकून दिल को तो नींद आ ही जाएगी

ये रात कमबख्त जल्दी जल्दी कहां गुजरे
घड़ी- घड़ी घड़ी पर बेताब नजर जा ठहरे

-अंकित.

Waiting

These cursed days crawl by, why won’t they flee?
Each tick of the clock traps my restless gaze endlessly.

For you, my eyes stay wide, my heart holds its place,
This distance is a trial—time slows its cruel pace.

The wind drags its feet, heavy with despair,
Stone-hearted, yet this ache still cuts through the air.

I burn for your sight, mad with thirst, scorched by flame,
Like deserts crave rain while the sun stakes its claim.

When you return, joy will rise once again,
Peace will cradle my heart, and sleep ease its pain.

These cursed nights crawl by, why won’t they flee?
Each tick of the clock traps my restless gaze endlessly.

Ankit.

जुदाई

जुदाई

बिन तेरे साथी लम्हा सदियों सा बन जाता है,
जुदाई का एहसास मुझे शूल सा चुभ जाता है

बिन तेरे सनम, सवेरा नया कहां जोश दिलाता है,
मेरा तो दिन गिनते गिनते ही पूरा दिन गुजर जाता है

बिन तेरे प्रिए, नहीं सुंदर शामें, कुछ भी कहां सुहाता है,
रातों को तेरे ही ख्यालों में डूबा, तेरा दीवाना सो जाता है

तुझसे जुदा हर पल जैसे एक इम्तिहान बन जाता है,
बिन तेरे वक्त बेवक्त प्रेमी तेरा बेवजूद हो जाता है

तेरी याद में मन उदासी का सागर बन जाता है,
घर नहीं लगता घर, तेरा आशिक बेघर सा हो जाता है

"कब, कहां, कैसे, क्यूं" का चक्रव्यूह सा बन जाता है
प्रश्नों से घिरा अंकित उसमें, अभिमन्यु सा खो जाता है

-अंकित.

Separation

Without you, love, each moment stretches into endless years,
This void between us stings—a thorn drowned in silent tears.

Without you, my sun, mornings dim, no spark to reignite,
My hours bleed into shadows, chasing day into the night.

Without you, my moon, no twilight hums, no dusk feels fair,
Lost in dreams of you, your lover drowns in sleepless despair

Each breath apart is a battlefield, a war I can not win,
Without you, time turns ghostly—I fade like smoke on wind.

My heart becomes a desert, parched by sorrow’s cruel drought,
Home feels foreign—your lover roams, unanchored, lost in doubt.

Trapped in mazes of “why, when, where,” I spiral without end,
Like a warrior bound by fate, I break—with no one to defend.

Ankit.

हमारी कहानी

हमारी कहानी

वक्त ने शुरू की थी लिखनी ये कहानी
कभी मैं दीवाना था कभी थी तू दीवानी

जो न हो कभी धूमिल थी वो दुनिया हमको बसानी
जहां तेरे साथ हर पहर हर घड़ी थी मुझको बितानी

नहीं छलके जहां कभी हमारी अंखियों से पानी
बस प्यार और विश्वास से थी वही जिंदगी सजानी

बने जब तुम हमसफर, ये ख्वाहिशें तो हकीकत थी हो ही जानी,
पर सपनों से सुंदर रच गया हर सच कि है तेरी मेरी ये प्रीत रुहानी

है खुदा से दुआ की रहे ये प्रेम ऋतु सदा सुहानी
सांसों में घुल जाएं और न हो ये यादें कभी भी पुरानी

है खुदा से दुआ की रहे सदा मीठी ये प्रीत की वाणी
धड़कनों में ढल जाए और बन जाए दास्तान-ए-रुमानी

वक्त लिखता रहे हमारी ये कहानी
कभी मैं दीवाना हूं कभी है तू दीवानी

-अंकित.

Our Story

Time began to write this tale of love’s design,
Sometimes I, the tempest; sometimes you, the shrine.

We built a world untouched by grief or gloom,
Where every instant with you was in full bloom.

No tears ever fell—just trust’s unyielding chain,
A life adorned with joy, untouched by pain.

When you became my companion, dreams were bound to become real,
But our truths surpassed dreams — this love is surreal.

I pray to God: Let this season of love stay sweet,
Let breaths dissolve it; may memories never retreat.

I beg the heavens: Let love’s voice forever chime,
Let heartbeats merge into a romantic tale of our time.

Let Time keep scripting us, wild and unchained —
Now I, the wildfire; now you, the ember framed.

Ankit.

सालगिरह

सालगिरह

कितनी भी हो मुश्किल बड़ी, कितना भी हो कठिन सफर
तर जाऊं दरिया आग का, है तेरा साथ तो मैं हूं निडर।

बढ़ती गहराई इस प्रीत की अब यूं नाप लेता हूं,
मैं तेरे साथ बीते लम्हों में अक्सर झांक लेता हूं।

वक्त की नदिया में हर साल बनता रहे वो बूंद ऐसे ही,
सागर हमारे प्रेम का भरता रहे बूंद दर बूंद ऐसे ही।

मेरी प्रार्थना में ईश्वर से मांग की बस है यही रीत,
.कि रहे साथ तेरा, हर क्षण हर पल मेरे मीत।

-अंकित.

Anniversary

No matter how great the difficulty, how arduous the journey, I guess,
I can cross the fiery river, for with your companionship, I am fearless.

I now measure the deepening depths of this love,
Oft by gazing into the moments we've shared, from above.

Like drops in the river of time, may the years keep adding,
The ocean of our love, drop by drop, they keep expanding.

In my prayers, this is the only request I make to the divine,
That your presence, my dear, may forever be entwined with mine.

Ankit.

धुंध

धुंध

यदि आसमान कुछ साफ हो जाता
यदि तारों का दीदार हो पाता

यदि धुआं ये कुछ हट सा जाता
यदि पर्यावरण कुछ सम्भल सा पाता

यदि सांस लेने भर से कोई मर सा ना जाता
तो धुंध का मजा हर शख्स ले पाता।

-अंकित.

अतीत

अतीत

कहने को तो साल पच्चीस गए हैं बीत
पर आज भी है याद हर एक वो रीत
वो कमाल का जश्न वो दोस्ती की जीत

वो सेंगू के बेमिसाल ठुमके
और मिश्रा के अद्भुत गीत

वो जस्सी और ओशो की टाइटैनिक वाली यारी
एल्विन की कप्तान वाली वो अटूट पारी
वो विकास का क्रिकेट से प्रेम इतना भारी
कि हो भारत या हॉलैंड, देखता था वो बल्लेबाजी सारी

वो सुवो, बोजो और पट्टू का एक कमरे में रहना
वो कल्लू का होके टल्ली, जाके वैन में सोना
और सत्तू का हॉस्टल की खिड़की से लेके बोतल संभलना

कुमरवा और संजीव का वो गहरा मनन चिंतन
विषय चाहे गणित हो या हो मस्ती भरा मंथन

वो रनिया की बातें और उसकी नौटंकी बेशुमार
टॉपर होने के जुनून में हप्पू होनहार

घोड़े और नवाब की वो जबरदस्त जोड़े दारी
इन दोनों का था साथ तो थी तिकड़ी हमारी

वो मेरे रूमी का धैर्य से दुनियादारी सिखलाना
कभी गुस्से से कभी प्यार से हर बात समझाना

तुम सभी थे साथ जब मिली मुझे मेरी प्रीत
हम दोनों अक्सर याद करते हैं वो अतीत

कहने को तो साल पच्चीस गए हैं बीत
पर आज भी है याद हर एक वो रीत
वो कमाल का जश्न वो दोस्ती की जीत।

-अंकित.

जन्मदिन पर दोस्तों की यादें

जन्मदिन पर दोस्तों की यादें

साल अभी तीन है बाकी पचास का होने को,
फिर भी बड़ा हुआ शोर लेकर मेरे जन्मदिन को।

यादों का सैलाब कुछ आया ऐसे,
वक्त से चुरा लिए हों तीन दशक जैसे।

तुम सभी के साथ को फिर मन यूं तरसा,
आंखों से बस यूं ही बिन मौसम पानी बरसा।

दोस्त तो कहने के लिए बहुत बनते हैं,
तुम जैसे लेकिन दुनिया में कहीं नहीं मिलते है।

नहीं मिलते इसका गम नहीं मुझको,
जब चाहूं पलक मूंद देख लूं मैं तुम सबको।

शुक्रिया इन प्यारी दुआओं का यारों
आज भी तुम सभी से है बहुत प्यार सालों।

-अंकित.

मेरी बिटिया - वर्ष अट्ठारह

मेरी बिटिया - वर्ष अट्ठारह

मेरा मान है, अभिमान है, वो मेरी मुस्कान है,
प्रतिबिंब हम दोनों का है, हमारी नन्ही सी जान है,
पूरी दुनिया मेरी है वो शायद इस बात से अंजान है।

मेरी गोदी में जो समा जाती थी,
अंखियों से कथा सुनाती थी,
ऐसे वैसे कैसे कैसे अपनी बातें मनवाती थी,
वो मेरी बिटिया आज मेरा गर्व बनी जाती है।

मेहनती है जिज्ञासु है, हर विषय में रुचि दिखाती है,
विज्ञान, पर्यावरण, न्याय, संगीत, इतिहास,
इन सारे विषयों पर किताबें पढ़ती जाती है।
धरती के सभी जीव जंतुओं से सहानुभूति जताती है,
नए दृष्टिकोण फिर वो बड़ी सहजता से समझाती है।

मां सरस्वती की कृपा है तो वो बुद्धिमान है,
अनेक कलाओं का आज उसको ज्ञान है।
सौंदर्य मिला है उसको मां लक्ष्मी का वरदान है,
अभी नए बहुत अनुभव बाकी हैं इसका उसे अनुमान है।

कल आई थी छोटी सी गुड़िया जैसी,
वो मेरी बिटिया आज मुझसे ज्यादा विद्वान है।
ठान लेती है जब कुछ, तो मानो एक तूफान है,
करती नहीं परवाह क्या कठिन क्या आसान है।

लक्ष्य अपने साधती है और विश्वास अडिग दर्शाती है,
पूरे दिल और जान से उसे पाने में जुट जाती है।
पा लेती है जब मंजिल वो कहां अपनी गति घटाती है,
चुनती है नई चुनौती और आगे बढ़ती जाती है।

दृढ़ भी है और स्वाभिमानी भी
कोमल भी है और चंचल भी,
भोली भी है और काबिल भी,
है हम दोनों के दिल की धड़कन भी।

मेरा मान है, अभिमान है वो मेरी मुस्कान है,
प्रतिबिंब हम दोनों का है, हमारी नन्ही सी जान है,
पूरी दुनिया मेरी है वो शायद इस बात से अंजान है।

-अंकित.

My Daughter - Year Eighteen

She is my joy, my pride, she brings me light,
She is the mirror of us, our tiny life.
That she's my universe, she might not see,
But she's my world, in her presence I delight.

Once she used to jump in my lap, as a baby small,
Her eyes then spoke tales, no words could ever recall.
In ways big and small, giving in to her demands was my major flaw,
That darling little girl of mine, now fills my heart with awe .

She's diligent, inquisitive, and keen,
On arts, science, justice, music, history.
She reads, she learns, she grows, she gathers wisdom,
With empathy, she cherishes life's diversity.

Intelligence and wisdom, from maa Saraswati's grace,
She's today versed in arts, working with a thoughtful face.
Beauty and charm, for maa Lakshmi has her blessed,
A world of wonder, she's yet to comprehend.

As if just yesterday, she came to us, a doll,
Now wiser than me, she's grown so tall.
When she decides, she's like a tempest's squall,
Undeterred by challenges, she stands strong like a wall.

She reaches her goals, with unwavering will,
Her heart and soul, she pours into her quest.
Once reached, she moves, with zest and thrill,
A new challenge, she embraces with her best.

She's strong, she's brave, she's gentle, she's a gem,
She's playful, innocent, and capable too,
The heartbeat of our lives, she's our little woman,
My value, my pride, my smile, my love so true.

She is my joy, my pride, she brings me light,
She is the mirror of us, our tiny life.
That she's my universe, she might not see,
But she's my world, in her presence I delight.

Ankit.

दोस्ती

दोस्ती

रिश्तों को निभाना पड़ता है
दोस्ती खुद निभ जाती है
समय के साथ:
रिश्ते बिखर से जाते हैं
और दोस्त उभर से जाते है
तो दोस्तों से रिश्ता नहीं होता यारा
दोस्ती बस प्यार की वो मंजिल है
जिसमें हीर-रांझा का किरदार नहीं मिलता
सुदामा को कृष्ण पर अधिकार मिलता है।

-अंकित.