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कवितायेँ

उम्र का हिसाब

Prologue

When I shared these lines, some felt a sense of sadness in them - perhaps even a mourning for what has passed, but as I look at these words, I see something very different. I see gratitude.

In our culture, we often feel that admitting we miss someone or something is a sign of being "low." We think that acknowledging a "muffled call" or a "shorter evening" means we aren't happy with the present, but for me, it is the exact opposite.

I am able to look back at our colourful past only because my "today" is stable and secure. My home, my wife’s grace, my daughter’s growing light, my parent's blessings, my brother's happiness are the anchors that give me the courage to be this honest. I don't write these lines because I am depressed; I write them because I am whole.

This poem is a Tribute. It is a salute to the friends who taught me the "art of living" and the memories that decorate my current life. It is my way of saying that the passion hasn't died - it has simply matured.

So, don’t read these words and feel sorry for me. Read them and know that I am enamoured with this journey. I am not stuck in the past; I am just carrying it with me as a source of strength. And when we meet again - whenever and wherever that may be - we won't just be "remembering" the old days. We will be bringing that same fire into a brand new chapter.

उम्र का हिसाब

ये उम्र का चढ़ाव ले आया यादों का सैलाब देखो,
है नया पड़ाव पर फिर वही बेहिसाब सा हिसाब देखो।

भाव के दबाव से हाल आंखों का खराब है,
नहीं प्यार का अभाव पर दिल तो लाजवाब है।

और तो सब ठीक है बस ख्वाहिशें कुछ कम सी हैं,
उम्मीद तो पहली सी है बस पुकार थोड़ी मद्धम सी है।

राहें तो पहली सी हैं बस बेचैनियाँ हमकदम सी हैं,
आरज़ू तो पहली सी हैं बस बाहें जरा बेदम सी हैं।

सांसे तो पहली सी हैं बस आहें थोड़ी गरम सी हैं,
किताबें तो पहली सी हैं बस कहानियां नरम सी हैं।

दीवानगी तो पहली सी है बस आवारगी कम कम सी है,
शायरी तो पहली सी है बस शाम बड़ी कम कम सी है।

शान तो पहली सी है बस पहचान थोड़ी कम सी है,
दुनिया तो पहली सी है बस इंसानियत कुछ कम सी है।

खुशियां तो पहली सी हैं बस मुस्कुराहटें कुछ कम सी हैं,
घड़ियां तो पहली सी हैं बस पलों की कमी सी है।

कामयाबी तो पहली सी है बस जश्न में कमी सी है,
दोस्ती तो पहली सी है बस तुम सबकी कमी सी है।

कभी सोचते नहीं थे कुछ करने से पहले हम सारे,
आज करते नहीं कुछ भी बस सोचते रहते हैं हम सारे।

कभी हम जिम्मेदारी थे और आज जिम्मेदारी हमारी है,
कभी हम कल थे, आज नए कल की खुशियां हमारी हैं।

वो वक्त जब तुम सभी का साथ था, आज मेरी ताकत है,
तुम सबसे ही सीखी मैंने, ज़िंदगी जीने की नज़ाकत है।

वो अतीत कोई बोझ नहीं, मेरे वर्तमान का श्रृंगार है,
उन यादों से ही महकता, मेरा ये छोटा सा संसार है।

इस पड़ाव पर आ कर अब, उस सफर को सलाम करता हूँ,
कमियों को भुला कर, मैं सिर्फ जीत की हुंकार भरता हूँ।

मैं उदास नहीं, मैं तो बस अपनी 'हस्ती' पर निहाल हूँ,
कि तुम सबके साथ से ही, मैं आज इतना बेमिसाल हूँ।

न हो जाना कहीं दुखी ये मेरी शब्दावली पढ़ कर,
किया है हमारे बंधन का इजहार मैने, ये श्रद्धांजलि गढ़ कर।

मिलोगे जब तो, साथ मिल कर, कल को आज कर देंगे,
शायद तरीका पहला सा न हो, कुछ नया अंदाज कर लेंगे।

हंसेंगे थोड़ा हम कि फिर जीवन में खोया वो रंग भर देंगे,
हो कर सभी शामिल बड़े प्यार से गाली गलौच कर लेंगे।

-अंकित।

भाई

भाई

फिर साल बीता एक और पर थमा अहसास भैया का है,
है आज जन्मदिन तो तुम्हारा पर जश्न तो ये भैया का है।

हो तेरी हर ख्वाहिश तुझे हासिल, ख्वाब तो ये भैया का है,
कभी जब जिंदगी आजमाए तो डरना मत के साथ तो भैया का है।

हर चुनौती हो हंस के कबूल, तुझ पर दुआओं का साया भैया का है,
बस खुश रहना मुस्कुराना तू हर पल कि तू हौसला भैया का है।

फिर साल बीता एक और पर थमा अहसास भैया का है,
है आज जन्मदिन तो तुम्हारा पर जश्न तो ये भैया का है।

-अंकित।

आश्वासन

आश्वासन

भीतर मन के क्या है बोल दिया तो,
द्वार वो अपने डर का खोल दिया तो,

सर फिर ऊपर बोलो रख पाओगे कैसे,
जमाने को दबाने से रोक पाओगे कैसे।

निराकार डर को शब्दों से आकार मत दो,
करते रहो श्रम और स्वाभिमान को बल दो।

रहता नहीं वक्त कभी एक जैसा ये जान लो अब,
रहो आश्वस्त, भले का भला सदा ही करेगा रब।

अंकित।

अनकहा साथ

अनकहा साथ

यह जीवन
अनगिनत रंगों जैसा है
केवल इसलिए
कि तुम इस सफर में
मेरे साथ चल रही हो...

मैने अपने दिन
सही राह पर बिताए हैं

क्योंकि तुम मेरी वो धूप हो
जो मेरा हर अंधकार हर देती है...
क्योंकि तुम मेरी वो सोच हो
जो मेरे ज्ञान को बल देती है...

और रातें?
बिना चिंता के नींद आ जाती है
क्योंकि तुम्हारे साथ साथी

सारे कठिन निर्णयों का
सहज संतुलित चिंतन
हो जाता है...

तुमसे हुई सभी
छोटी बड़ी बातों से
मुश्किल से मुश्किल काम
आसान बन जाता है...

यह जीवन
अनगिनत रंगों जैसा है
केवल इसलिए
कि तुम इस सफर में
मेरे साथ चल रही हो...

अंकित।

वो है मां

वो है मां

देवकी बन जाने से कोई यशोदा नहीं होती
जन्म देने भर से कोई मां नहीं होती

नखरे बालक के जो उठाए
अपनी नींद भुला उसको सुलाए
वो है मां

जिसको बच्चे की पुकार कोसों सुनाई दे जाए
जिसकी आवाज हर बार लोरी का काम कर जाए
वो है मां

जिसके दिल में प्यार का सागर असीमित हो
जिसका स्पर्श करता रोम-रोम प्रभावित हो
वो है मां

जिसके लिए ना आकार ना प्रकार रखते कोई माने हो
जिसकी नजर सचेत संरक्षण करे खतरे सभी मिटाने को
वो है मां

जिसमें हो साहस अपने अस्तित्व को भुलाने का
जिसका लक्ष्य हो सही राह दिखलाने का
वो है मां

गर है जीवन में तुम्हारे ऐसी कोई शक्ति
हो के नतमस्तक कर लो उसकी भक्ति
कि वो है मां।

-अंकित.

English explanation

The poem begins with the line: "देवकी बन जाने से कोई यशोदा नहीं होती" (To be Devaki does not make one Yashoda).

इंतजार

इंतजार

ये दिन कमबख्त जल्दी जल्दी कहां गुजरे
घड़ी- घड़ी घड़ी पर बेताब नजर जा ठहरे

तेरे लिए आंखे बिछाए बैठे हैं हम सब
ये दूरी का हमसे इम्तिहान बस हुआ अब

हवा भी यूं रही है भारी मायूसी भर के जाती थी
हूं पत्थर फिर भी सीने में टीस उठ ही जाती थी

तेरे दीदार को दीवाना तेरा अब यूं तड़पे
जैसे प्यासे रेगिस्तान में सूरज आग बरपे

आओगी तुम तो खुशी वापस आ ही जाएगी
मिलेगा सुकून दिल को तो नींद आ ही जाएगी

ये रात कमबख्त जल्दी जल्दी कहां गुजरे
घड़ी- घड़ी घड़ी पर बेताब नजर जा ठहरे

-अंकित.

Waiting

These cursed days crawl by, why won’t they flee?
Each tick of the clock traps my restless gaze endlessly.

For you, my eyes stay wide, my heart holds its place,
This distance is a trial—time slows its cruel pace.

The wind drags its feet, heavy with despair,
Stone-hearted, yet this ache still cuts through the air.

I burn for your sight, mad with thirst, scorched by flame,
Like deserts crave rain while the sun stakes its claim.

When you return, joy will rise once again,
Peace will cradle my heart, and sleep ease its pain.

These cursed nights crawl by, why won’t they flee?
Each tick of the clock traps my restless gaze endlessly.

Ankit.

जुदाई

जुदाई

बिन तेरे साथी लम्हा सदियों सा बन जाता है,
जुदाई का एहसास मुझे शूल सा चुभ जाता है

बिन तेरे सनम, सवेरा नया कहां जोश दिलाता है,
मेरा तो दिन गिनते गिनते ही पूरा दिन गुजर जाता है

बिन तेरे प्रिए, नहीं सुंदर शामें, कुछ भी कहां सुहाता है,
रातों को तेरे ही ख्यालों में डूबा, तेरा दीवाना सो जाता है

तुझसे जुदा हर पल जैसे एक इम्तिहान बन जाता है,
बिन तेरे वक्त बेवक्त प्रेमी तेरा बेवजूद हो जाता है

तेरी याद में मन उदासी का सागर बन जाता है,
घर नहीं लगता घर, तेरा आशिक बेघर सा हो जाता है

"कब, कहां, कैसे, क्यूं" का चक्रव्यूह सा बन जाता है
प्रश्नों से घिरा अंकित उसमें, अभिमन्यु सा खो जाता है

-अंकित.

Separation

Without you, love, each moment stretches into endless years,
This void between us stings—a thorn drowned in silent tears.

Without you, my sun, mornings dim, no spark to reignite,
My hours bleed into shadows, chasing day into the night.

Without you, my moon, no twilight hums, no dusk feels fair,
Lost in dreams of you, your lover drowns in sleepless despair

Each breath apart is a battlefield, a war I can not win,
Without you, time turns ghostly—I fade like smoke on wind.

My heart becomes a desert, parched by sorrow’s cruel drought,
Home feels foreign—your lover roams, unanchored, lost in doubt.

Trapped in mazes of “why, when, where,” I spiral without end,
Like a warrior bound by fate, I break—with no one to defend.

Ankit.

हमारी कहानी

हमारी कहानी

वक्त ने शुरू की थी लिखनी ये कहानी
कभी मैं दीवाना था कभी थी तू दीवानी

जो न हो कभी धूमिल थी वो दुनिया हमको बसानी
जहां तेरे साथ हर पहर हर घड़ी थी मुझको बितानी

नहीं छलके जहां कभी हमारी अंखियों से पानी
बस प्यार और विश्वास से थी वही जिंदगी सजानी

बने जब तुम हमसफर, ये ख्वाहिशें तो हकीकत थी हो ही जानी,
पर सपनों से सुंदर रच गया हर सच कि है तेरी मेरी ये प्रीत रुहानी

है खुदा से दुआ की रहे ये प्रेम ऋतु सदा सुहानी
सांसों में घुल जाएं और न हो ये यादें कभी भी पुरानी

है खुदा से दुआ की रहे सदा मीठी ये प्रीत की वाणी
धड़कनों में ढल जाए और बन जाए दास्तान-ए-रुमानी

वक्त लिखता रहे हमारी ये कहानी
कभी मैं दीवाना हूं कभी है तू दीवानी

-अंकित.

Our Story

Time began to write this tale of love’s design,
Sometimes I, the tempest; sometimes you, the shrine.

We built a world untouched by grief or gloom,
Where every instant with you was in full bloom.

No tears ever fell—just trust’s unyielding chain,
A life adorned with joy, untouched by pain.

When you became my companion, dreams were bound to become real,
But our truths surpassed dreams — this love is surreal.

I pray to God: Let this season of love stay sweet,
Let breaths dissolve it; may memories never retreat.

I beg the heavens: Let love’s voice forever chime,
Let heartbeats merge into a romantic tale of our time.

Let Time keep scripting us, wild and unchained —
Now I, the wildfire; now you, the ember framed.

Ankit.

सालगिरह

सालगिरह

कितनी भी हो मुश्किल बड़ी, कितना भी हो कठिन सफर
तर जाऊं दरिया आग का, है तेरा साथ तो मैं हूं निडर।

बढ़ती गहराई इस प्रीत की अब यूं नाप लेता हूं,
मैं तेरे साथ बीते लम्हों में अक्सर झांक लेता हूं।

वक्त की नदिया में हर साल बनता रहे वो बूंद ऐसे ही,
सागर हमारे प्रेम का भरता रहे बूंद दर बूंद ऐसे ही।

मेरी प्रार्थना में ईश्वर से मांग की बस है यही रीत,
.कि रहे साथ तेरा, हर क्षण हर पल मेरे मीत।

-अंकित.

Anniversary

No matter how great the difficulty, how arduous the journey, I guess,
I can cross the fiery river, for with your companionship, I am fearless.

I now measure the deepening depths of this love,
Oft by gazing into the moments we've shared, from above.

Like drops in the river of time, may the years keep adding,
The ocean of our love, drop by drop, they keep expanding.

In my prayers, this is the only request I make to the divine,
That your presence, my dear, may forever be entwined with mine.

Ankit.

धुंध

धुंध

यदि आसमान कुछ साफ हो जाता
यदि तारों का दीदार हो पाता

यदि धुआं ये कुछ हट सा जाता
यदि पर्यावरण कुछ सम्भल सा पाता

यदि सांस लेने भर से कोई मर सा ना जाता
तो धुंध का मजा हर शख्स ले पाता।

-अंकित.