जुदाई ...
जुदाई¶
बिन तेरे हर लम्हा लगता साल है
कब मिलोगे ये दिल करता सवाल है
क्या कहूं कैसा मेरा हाल है
हो तुम दूर तो
भीगी अंखियाँ और भीगे गाल हैं
बस बिखरे हुए शब्द ना सुर ना ताल है
-अंकित.
बिन तेरे हर लम्हा लगता साल है
कब मिलोगे ये दिल करता सवाल है
क्या कहूं कैसा मेरा हाल है
हो तुम दूर तो
भीगी अंखियाँ और भीगे गाल हैं
बस बिखरे हुए शब्द ना सुर ना ताल है
-अंकित.