जीवन कथा
जीवन कथा¶
कभी जन्नत कभी दोज़क,
कभी धूमिल कभी रौनक,
जिंदगी चलती जाती है,
कहानी लिखती जाती है
चलो कुछ याद रखते हैं,
और कुछ भूल जाते हैं
कहानी मेरे जीवन की
और जिक्र हो सिर्फ जन्नत का
कहानी मेरे जीवन की
और जिक्र हो सिर्फ रौनक का
मेरे दोज़क से वो पल,
मेरे जीवन के धूमिल क्षण,
कभी ना याद रखना तुम,
मेरी खुशियो को संग रखना,
गमो को भूल जाना तुम ...
-अंकित