जांबाज़
जांबाज़¶
छुपते हैं वो जिनको डर हो ज़माने का,
हम तो जांबाज़ है, अपने अंदाज़ हैं,
बस दिल में आया था यूँ ही धूनी रमाने का।
-अंकित।
छुपते हैं वो जिनको डर हो ज़माने का,
हम तो जांबाज़ है, अपने अंदाज़ हैं,
बस दिल में आया था यूँ ही धूनी रमाने का।
-अंकित।