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ज़िन्दगी

जीवन शक्ति

जीवन शक्ति

है अभिलाषा की आसमान में उड़ पाऊँ,
है अभिलाषा की सितारों को छू पाऊँ.

बस जिंदगी कभी पर बढ़ने नहीं देती,
कभी वो एक अंतिम जरूरी स्पर्श होने नहीं देती.

शिकायत तुझसे नहीं फिर भी जिंदगी, क्यूँ कि ...
हर सुबह मेरी चाहत मेरे प्यार को,
मेरे सुन्दर सुखी संसार को,
नज़रों से ओझल तू होने नहीं देती.

इस उपलब्धि के सामने छोटी मेरी हर अभिलाषा है,
तेरी देन मेरी हर निराशा में जैसे भरती आशा है.

कोशिश करना मेरा स्वभाव बना जाता है,
इस अग्नि को करती है जो प्रज्वल्लित,
उस अद्भुत अज्ञात जीवन शक्ति के सामने,
ये शीश झुका जाता है.

-अंकित

ये ज़िन्दगी !!!

ये ज़िन्दगी !!!

कभी साथ निभाना है,
कभी चलते अकेले जाना है,
ये ज़िन्दगी ...

कभी इंतज़ार में दिन बिताना है,
कभी शाम का मंज़र सुहाना है,
ये ज़िन्दगी ...

कभी दोस्ती बढ़ाना है,
कभी रंजिशें भुलाना है,
ये ज़िन्दगी ...

कभी ख़ुशी का खजाना है,
कभी घमों का छुपाना है,
ये ज़िन्दगी ...

कभी महबूब का मनाना है,
कभी खुद से रूठ जाना है,
ये ज़िन्दगी ...

कभी बारिश में भीग जाना है,
कभी धुप में नहाना है,
ये ज़िन्दगी ...

कभी बहु की अगुवाई है,
कभी बेटी की विदाई है,
ये ज़िन्दगी ...

कभी नए खून का आना है,
कभी बड़े बूढों का जाना है,
ये ज़िन्दगी ...

कभी थमता नया ज़माना है,
कभी बदलता वक़्त पुराना है,
ये ज़िन्दगी ...

कभी बच्चे को चलना सिखाना है,
कभी दादा को पलंग तक ले जाना है,
ये ज़िन्दगी ..

कभी हँसना हँसाना है,
कभी कठिन सा ताना बना है,
ये ज़िन्दगी ...

ईश्वर का खिलौना है,
सुख दुःख का बिछौना है,
ये ज़िन्दगी ...

-अंकित.

जिन्दगी !!!

जिन्दगी

हर लम्हा बुनता है एक कहानी,
उस कहानी को अपने गीतों में संजोने का नाम है जिन्दगी.

सब गम में पिया करते हैं,
जश्न मानाने के लिए पीने का नाम है जिन्दगी.

जिन्दगी का हर पल बहुत खास है,
ये अहसास हो जाने का नाम है जिन्दगी.

-अंकित

कैसी ज़िन्दगी

कैसी ज़िन्दगी

भूख से बिलखती हुई,
ठण्ड में ठिठुरती हुई,
ग़म में तड़पती हुई,
रोटी कपडे और मकान की
दूकान सी ज़िन्दगी।

शमा सी जलती हुई,
वक़्त सी बढती हुई,
उम्र सी ढलती हुई,
साल-महीने-दिन और पल की
मेहमान सी ज़िन्दगी।

-अंकित।