मेरी नन्ही परी
मेरी नन्ही परी¶
डर लगता था कभी जब होती थी खड़ी
और हाथ अचानक मेरा बन जाता था उसकी सुरक्षा कड़ी
वो मेरी नन्ही परी हो रही है बड़ी
अभी कल ही तो मेरी गोदी में आई थी
आज उसकी गहरी सोच हर्षाती है मुझे हर घड़ी
वो मेरी नन्ही परी हो रही है बड़ी
कल जो झूठमूठ के आंसुओं से अपनी बात मनवाती थी
आज सहेलियों की गुत्थियां सुलझाती है सहजता से बड़ी
वो मेरी नन्ही परी हो रही है बड़ी
कल झूठे फोन करवाती थी कहानियां पढ़वाती थी
आज फोन स्वयं कर लेती है और पुस्तकों से है दोस्ती बड़ी
वो मेरी नन्ही परी हो रही है बड़ी
कल जिस के हाथों को पकड़ के कलम चलवाई थी
आज उसी के हाथों से कागजों पर अद्भुत कृतियां चढ़ी
वो मेरी नन्ही परी हो रही है बड़ी
कल ही तो था कि वो हाथ छुड़ा के भागने को आतुर थी
आज नया शहर हो तो स्वत: उंगली पकड़ लेती है वो मेरी
हिरणी भी है शेरनी भी है चंचल भी है गंभीर भी है जो
वो मेरी नन्ही परी हो रही है बड़ी
-अंकित.