खूबसूरत बला
खूबसूरत बला¶
मेरे माता पिता ने मुझे सदा ही ये सिखाया है
किसी लड़की का ना हो अपमान चाहे जान गंवानी पड़े
रहे कोशिश की घर की लक्ष्मी को कोई दुख ना हो
फिर रोटी सूखी चाहे खुद को क्यूं ना खानी पड़े
हूं ऐसे परिवार से, जहां फर्क नहीं है बहुओं से,
जहां लड़की जन्मी है दुआओं से तो ऐसे विचार फिर में रखता हूं,
औरत को समाधिकार समझता हूं
मज़ाक अपनी जगह सही है लेकिन,
अबला को बला नहीं समझता हूं
ना बुलाओ अबला को खूबसूरत बला,
किसी की बेटी किसी की मां है वो
जो कर दिया तुम्हे पाल के काबिल इतना
किसी औरत की मेहनत उसी की कला है वो
डूब जाते जिंदगी के तूफानों में हम
किसी देवी की दुआ है जो टला है वो
ना बुलाओ अबला को खूबसूरत बला,
किसी की बेटी किसी की मां है वो
-अंकित.