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दोस्त पुराने

दोस्त पुराने

यारों को देख कर अक्सर, मुस्कान आ ही जाती है;
उम्र जो हो गयी है, वो कुछ कम सी हो ही जाती है।

नाज़ुक पड़ाव पर जीवन के, जब कदम डगमगा सकते थे;
नहीं हुआ बस ऐसा, कि साथ तुम सब थे।

देख के तुम सब के चेहरे नये पुराने,
नाचीज़ की आंखें नम हो ही जाती हैं।

-अंकित.

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