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नव वर्ष 2018

नव वर्ष 2018

आज की संध्या में जाता हुआ वक्त नए वर्ष को ये समझाता है:

"आज मैं बीता साल बन के सबकी यादों में सीमित रह जाऊंगा,
कुछ खास क्षणों में सिमट के बस उन यादों में जी पाऊंगा।

नए होने का गुमां ना करना पल पल को नया बनाता है,
वर्ष होने का गर्व कभी ना करना हर पल तुम्हे बनाता है।

गर कुछ ग़लत हो जाए तो भी विचलित तुम ना होना,
की हर नए सवेरे में आशा की किरणों का बसेरा है।

आशा का त्योहार सदा ही बन जाना,
निराशा का अभिनंदन कभी मत करना।"

ऐसा आशीष आपका गत साल आने वाले साल को देता चले:

सबको खुशियों का उपहार तू दे पाए,
हंसी ठहाकों से सबका संसार तू भर पाए।

बस यही प्रार्थना करता हूं,
मंगलमय नूतन वर्ष हम सभी को हो,
ऐसी अभिलाषा रखता हूं।

-अंकित.

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