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लघु पंक्तियाँ

लघु पंक्तियाँ


ना मारो मुझे पत्थर की तुम्हे तकलीफ पहुंचेगी,
जो मेरी जान निकली तो तुम्हारी रूह कुरेदेगी।


मेरे महबूब तेरे दीदार को एक अरसे से तरसे हम,
बरसों बरस बाद बादल भी जो बरसे तो बरसे कम।


किया मेरी मुहब्बत ने उनको दीवाना यूँ
वो ले बैठे भरी महफिल में नाम मेरा;
अदा उनकी नादाँ लगती ना जाने क्यूँ
जिसकी हिफाज़त बना है अब काम मेरा।


चमत्कार होते हैं यदि आस्था रखो तो,
सारे काम होते हैं निष्ठा यदि सच्ची हो,
होगा प्रगतिपथ पर देश,
स्वराज लाके तुम देखो तो।


आज भी हम सबके दिलों में प्यार बाकी है
दिखा दो दुनिया को धर्म बाँट सकता नहीं
कि अभी भी इन्सानियत पर
देख लो सबका विश्वास बाकी है

कोई ये ना सोचे कि
वो हिन्दू है, मुस्लमान है, सिख है या इसाई
सोचे तो बस ये सोचे की
भारतीय होने का क्या अभी गर्व बाकी है।


चिंता करना व्यर्थ है
क्यूंकि ये चुनाव नहीं संघर्ष है,
क्रांति का शुभारम्भ है,
तुम इसमें साथी साथ हो,
इसका मुझे हर्ष है।


अभी सिर्फ शुरुआत है और उमड़ा इतना जनसैलाब है,
भरी सिर्फ हुंकार है तो घबरायी भ्रष्टाचारियों की जमात है।


मदिरा से मंदिर तक, चोरी से रिश्वतखोरी तक,
हथकंडे सभी अपनाते हैं कांग्रेस से बीजेपी तक,
करो पापियों का बहिष्कार,
चुनो आप की सरकार।


युवाओं को काम मिले शिक्षा के साथ
न्याय सबको मिले दवा व इलाज़ के साथ
स्वच्छ पानी सर पे छत सुरक्षा के साथ
सुन्दर सुखद भारत स्वराज के साथ


नमो नमो के जाप को छोड़ो,
बेईमानी के साथ को छोड़ो।

धार्मिक मतभेद को छोड़ो,
स्वराज से अपने आप को जोड़ो।


जीत का दम भी भरते हैं और करोणों स्वाहा भी करते हैं।
गर जीत सुनिश्चित है तो चुनाव से पहले ये गठबंधन क्यूँ करते हैं?


राजनीति का अंदाज़ बदल दो, राज के बदले स्वराज को बल दो,
भारत की तकदीर बदल दो, किसी और के बदले आप को बल दो।


वादे प्रगतीशील खुशहाल भारत के जब भ्रष्ट नेताओं के हवाले हो गए,
सपने उन्नति के धार्मिक मतभेद और वंशवाद में स्वाहा हो गए।


-अंकित.

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