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आप

आप

बहुत सुने वादे पिछले साठ सालों में सरकारी
वो वादे जिनको निगल गयी भ्रष्टाचार की बीमारी

हो कर त्रस्त आम आदमी ने फिर कमान संभाली
ले हाथ में झाड़ू कस कमर आप पार्टी बना डाली

पुरातनवादी बड़े हँसे बोले है क्या बिसात तुम्हारी
लेकिन हंसने वालों को दी राजधानी में शिकस्त करारी

सत्ताधारी कुछ बौखला गए और कुछ ने चुप्पी धारी
जब पहले ही दिन से होने लगे वादापूर्ति के ऐलान जारी

नए हैं सियासत के खेल में अभी पहली ही है पारी
लेकिन स्वच्छ राजनीति पड़ेगी पापियों पर भारी

भारत का नवनिर्माण है यहाँ चलेगी अब ईमानदारी
आम आदमी से सीख लो नेताजी या जेल जाने की कर लो तय्यारी

-अंकित.

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