आवाज़ !!!
आवाज़¶
बहुत उदास हूँ, बड़ा हताश हूँ
आज मेरे दोस्त
ज़िन्दगी बेबुनियाद लगती है,
आज मेरे दोस्त
हिम्मत की कमी लगती है,
मन विचलित और घुटन लगती है
आज मेरे दोस्त
ज़िन्दगी बड़ी नीरस लगती है
आज मेरे दोस्त
हर सोच हारी हुई और
हर सांस भारी सी लगती है
आज मेरे दोस्त
मरने के सौ बहाने दीखते हैं
पर जीने की एक ख्वाहिश नहीं दिखती
आज मेरे दोस्त
काली रात की सुबह नहीं दिखेगी,
अँधेरी गुफा है और रौशनी नहीं मिलेगी
क्यूँ ऐसा लगता है
तुझसे आखरी एक मुलाक़ात
न हो सकेगी मेरे दोस्त
ख़ुशी तो भूल चुका हूँ
लेकिन हार अभी स्वीकार नहीं
मुझे संभाल ले तू आ कर
या कह दे मेरी दरकार नहीं तुझे
आज मेरे दोस्त...
-अंकित.