तो क्या कीजियेगा ???
तो क्या कीजियेगा¶
प्रियतमा नहीं साथ में,
इसका जब अहसास हो,
तो क्या कीजियेगा ???
रखवाला नहीं पास में,
इसका जब आभास हो,
तो क्या कीजियेगा ???
बियाँबान रेगिस्तान में
उगलता आग आसमान हो,
तो क्या कीजियेगा ???
दरख्तों के अभाव में,
ना छाँव का निशाँ हो,
तो क्या कीजियेगा ???
बिखरते लम्हों के शोर में,
चटकती जीवन की डोर हो,
तो क्या कीजियेगा ???
कठिन जीवन के मोड़ में,
ना प्रभु का साथ हो,
तो क्या कीजियेगा ???
-अंकित