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भला करेंगे अब तुम्हारा साई

भला करेंगे अब तुम्हारा साई

अब तक क्यों तुमने है मुंह की खाई ...
नहीं अभी तक ये बात समझ में तुमको आई ...

कब तक खड़े रहोगे चहुँ ओर जब जमी हो इतनी काई ...
खड़े संभल भी जाओ दौड़ की बात कर रहे हो तुम मेरे भाई ...

जहाँ हर बात प्यार से शुरू और ख़त्म होती हो छेड़े किया तुम वहीं लड़ाई ...
चलो पकड़ लो राह प्रेम की भला करेंगे अब तुम्हारा साई ...

-अंकित ।

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