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सिपाही !!!!

सिपाही

सुनते हैं बहुत शोर
हम मैदाने जंग में

हो किसी की भी जीत
है इस मैदान की ये रीत
जान देनी है और लेनी है
दीवानगी कहो, बोलो देश-प्रीत
होती है खून की कीमत
कम मैदाने जंग में

सुनते हैं बहुत शोर
हम मैदाने जंग में

बैठे रह्ते हैं राजनेता
आरामदेह कुर्सी पर
सुरक्षा में वो दूर
नहीं आते कभी मैदाने जंग में

सिपाही की जान का
हो जाता है सौदा वहीं
कोसों दूर मैदाने ज़ंग से
हाँ तोड देता है वीर सिपाही
दुशमन की हिम्मत और अपना
दम मैदाने जंग में

सुनते हैं बहुत शोर
हम मैदाने जंग में

ऑ मेरे देश के वीर
तुझे मेरे शत-शत प्रणाम
तेरी हर कुर्बानी हर वीरगती को
देते हैं हम लाखों लाख सलाम

जय हिन्द !!!!

-अंकित।

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