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याद !!!

याद

बार बार आते हैं नज़र
तेरे साथ बीते पल और उनका असर

सुनाई देता था कविता सा सुखद सुन्दर
मैं आज जो दिखता हूँ बिखरा हुआ एक अक्षर

मौन मौन सा रहता है मन अक्सर
जब तड़पाती है तेरी याद हमसफ़र

पर पर मिलते जो मुझे, उड़ आता मैं उस शिखर
जिसकी ऊंचाइयों में समां गयी, तू हो गयी मेरी यादों सी अमर

-अंकित ।

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