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तुम बिन प्रिये !!!

तुम बिन प्रिये

यदा कदा ये कहता हूँ,
पर सदा सदा मैं देता हूँ.
प्रेम विवश हूँ, तुम बिन प्रिये,
मैं जीते जी मर जाऊँगा.

चलता फिरता रहता हूँ,
पर रुका रुका रह जाऊँगा.
प्रेम विवश हूँ, तुम बिन प्रिये,
मैं जीते जी मर जाऊँगा.

ख़ुशी ख़ुशी मैं हँसता हूँ,
पर घुट घुट के मिट जाऊँगा.
प्रेम विवश हूँ, तुम बिन प्रिये,
मैं जीते जी मर जाऊँगा.

पल पल सफल नहीं हूँ मैं,
पर पग पग बाधा ना सह पाऊँगा.
प्रेम विवश हूँ, तुम बिन प्रिये,
मैं जीते जी मर जाऊँगा.

दरिया दरिया तो तरता हूँ,
पर मैं दल दल में धंस जाऊँगा.
प्रेम विवश हूँ, तुम बिन प्रिये,
मैं जीते जी मर जाऊँगा.

शूर वीर सा लड़ता हूँ,
पर तनहा तनहा डर जाऊँगा.
प्रेम विवश हूँ, तुम बिन प्रिये,
मैं जीते जी मर जाऊँगा.

आज को कल कर देता हूँ,
पर कल काल में मैं फंस जाऊँगा.
प्रेम विवश हूँ, तुम बिन प्रिये,
मैं जीते जी मर जाऊँगा.

यदा कदा ये कहता हूँ,
पर सदा सदा मैं देता हूँ.
प्रेम विवश हूँ, तुम बिन प्रिये,
मैं जीते जी मर जाऊँगा.

अंकित.

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