मेरा दोस्त !!!
मेरा दोस्त¶
है खूबसूरत दास्तान मेरी यारी की,
है अभी भी याद छोटी बड़ी बातें जो सारी की.
ये फसाना है दो दोस्तों के साथ का उनके प्यार का,
दो इंसानों का , उनके बीते लम्हों का, उनकी तकरार का.
बहुत याद आते हैं वो पल जब हम दोनों साथ हुआ करते थे
चाहे हो पढाई या आवारगी सब साथ किया करते थे.
उमर कम थी लेकिन करते थे जो मन में ठानी थी
लड़कपन था , नादानी थी कभी शराफत कभी शैतानी थी.
समय का पहिया चलता गया रास्ता बढ़ता गया
दूर दोस्त होता गया जिंदगी का सफ़र अलग तय होता गया.
दोस्त मेरा दूर है लेकिन दिल के पास है,
मेरी यादों में उसका हर पल एक एहसास है.
इन दूरियों को मिटाने का अवसर अगर मिल जाए तो,
वो पुराना बेबाक अंदाज़ फिर मैं मांग लूं.
अपने दोस्त के साथ दोबारा जीने के लिए,
मैं खुदा से भी झगडा जान लूं.
और सुनो , है यकीन की गर वो मेरे साथ हो, खुदा को भी उलझन में बस मैं डाल दूं.
है खूबसूरत दास्तान मेरी यारी की,
है अभी भी याद छोटी बड़ी बातें जो सारी की.
-अंकित