क्या जाने !!!
क्या जाने¶
ऍ पत्थर के दिल वाले वादों का मोल तू क्या जाने,
भरी महफिल में जो शख्स अकेला है वहशत उसकी तू क्या जाने
बंद महलों में सोने वाले शबनम का मोती तू क्या जाने,
शौक शिकार का रखने वाले हिरनी कि दहशत तू क्या जाने
प्यार दिलों का सौदा है ये तू सौदागर क्या जाने.
जिसको नही खौफ क़यामत का वो उसका रुतबा क्यों माने?
-अंकित